पालघर : पैदल चलकर हज करने वाली 24 वर्षीय सना अंसारी नामक युवती अब दुबारा फिलिस्तीन में स्थित मस्जिदे अक्सा के लिए पैदल रवाना हो चुकी है। युवती के इस काम में उसके पति हर कदम पर साथ दे रहे है। वही इस मौके पर सना अंसारी के इस ऐतिहासिक कदम का स्वागत करने के लिए मौजूद लोगों ने सना अंसारी को फूल माला पहनाकर और फूल बरसा कर रवाना किया ।
◼️ फूल माला पहनाकर और फूल बरसा कर लोगों ने युवती को किया रवाना
◼️ पालघर से मस्जिदे अक्सा पहुंचने के लिए 11 महीने का लगने वाला है वक्त
◼️ पहले करीब 14 महीने पैदल चलने के बाद पालघर से मक्का मदीना पहुंची थी युवती
◼️ मस्जिदे अक्सा दुनिया भर के मुसलमानों की धार्मिक आस्था का है केंद्र
◼️ पैदल चलकर हज करने वाली 24 वर्षीय सना अंसारी बन गयी है पहली युवती
पालघर से मस्जिदे अक्सा पहुंचने के लिए इस युवती को कई देशो का बॉर्डर क्रॉस करना पड़ेगा। और करीब 6 हजार किलोमीटर की दुरी तय करने के लिए उसे 11 महीने का वक्त लगने वाला है। इसके पहले पाकिस्तान समेत पांच देशो का बॉर्डर क्रॉस करते हुए यह युवती करीब 14 महीने पैदल चलने के बाद पालघर से मक्का मदीना पहुंची थी। और दो महीने पहले हज कर पालघर लौटी थी। वही इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए जानकर कहते है कि इतनी लंबी दुरी पैदल चलकर हज करने वाली 24 वर्षीय सना अंसारी पहली युवती बन गयी है।
वही अगर अल अक्सा मस्जिद की बात करे तो यह मस्जिद मक्का-मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा सबसे बड़ा पवित्र स्थल माना जाता है. इस्लाम में इसे अल-हरम-अल-शरीफ यानि बेतुल मुकद्दस कहा जाता है. इसे 7वीं शताब्दी में पैगंबर मोहम्मद के मित्र खलीफा इलअब- खट्टाब ने बनवाया था. इन्हें उमय्यद खलीफा भी कहा जाता है. यह भी मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद ने इसी जगह से जन्नत का रास्ता तय किया था. इसीलिए यह मस्जिद फिलिस्तीन ही नहीं दुनिया भर के मुसलमानों की धार्मिक आस्था का केंद्र है.