Monday, June 16, 2025
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    बिहार से बिहारी निकल सकता है, लेकिन बिहारी के अंदर से बिहार नहीं

    मुंबई, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पहली बार आयोजित ‘बिहारी स्वाभिमान सम्मेलन 2025’ ( Bihari Swabhiman Sammelan 2025 ) में संस्कृति, संवाद, संवेदना और संकल्प का अनोखा संगम देखने को मिला। मुंबई के दहिसर में स्थित लता मंगेशकर ऑडिटोरियम में प्रवासी बिहारियों की ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज हुई, जिसने इस सम्मेलन को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया।

    मंच पर प्रस्तुति से पहले अहमदाबाद में हुए विमान हादसे पर आयोजन की शान रहे पद्म भूषण सम्मानित गायक उदित नारायण समेत सभी लोगो ने गहरा शोक व्यक्त किया। कहा कि “यह घटना अत्यंत दुखद और दिल को झकझोरने वाली है। मेरी संवेदनाएं उन सभी परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया है।”

    पूर्व सांसद संजय निरुपम ने सम्मेलन में कहा “बिहार से बिहारी निकल सकता है, लेकिन बिहारी के अंदर से बिहार नहीं निकल सकता।”उनकी इस पंक्ति ने प्रवासी बिहारियों की भावना को गहराई से छू लिया और पूरे हाल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी।

    इस सम्मेलन में पहुंचे उद्योगपति , राजनीति जगत और आईएएस अधिकारी, नीति विशेषज्ञ, फिल्मकार, पत्रकार और युवा लीडर्स समेत अन्य मान्यवरो ने अपने विचार रखे। इन्होने मंच से बिहार को आर्थिक, शैक्षणिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने बिहार में निवेश, स्टार्टअप सहयोग, स्किल डेवलपमेंट और युवाओं को रोजगार देने की योजनाओं की भी रूपरेखा साझा की।

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