मुंबई : पालघर लोकसभा सीट से सांसद डॉ. हेमंत सवरा ने अनुसूचित जनजाति के छात्रों को सीधे नाम चिन्ह विद्यालयों में 11 वीं कक्षा में प्रवेश देने की मांग महाराष्ट्र राज्य के आदिवासी विकास विभाग के मंत्री प्रो. अशोकजी ऊईके से किया है ।
सांसद डॉ. हेमंत सवरा ने कहा कि आदिवासी विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित “नाम चिन्ह आवासीय विद्यालयों में शिक्षा प्रदान करने की योजना” अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही है। इस योजना के कारण दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों के कई विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की धारा में आ गए हैं। लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 11 वीं कक्षा में प्रवेश लिए लागू की गई ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के कारण 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुके विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी मूल आवासीय विद्यालय में ही 11 वीं में प्रवेश लेने में बाधाएं आ रही हैं।
इन बांधाओ को देखते हुए सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सवरा ने आदिवासी विकास विभाग के मंत्री प्रो. अशोकजी ऊईके से मांग की है कि शिक्षा विभाग के निर्णय को आदिवासी विकास विभाग की विशेष योजनाओं पर लागू न किया जाए । तथा योजना के तहत विद्यार्थियों को उनके ही विद्यालय में कक्षा 11 में सीधे प्रवेश दिए जाने के संबंध में आवश्यक निर्देशों का क्रियान्वयन किया जाए। सांसद डॉ. सवरा ने स्पष्ट किया है कि इस प्रवेश प्रक्रिया में होने वाली जटिलताओं एवं देरी से बचने तथा विद्यार्थियों की शिक्षा में व्यवधान को रोकने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि इस निर्णय से अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य अधिक सुरक्षित एवं सुसंगत होगा।