Wednesday, June 11, 2025
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मानसून की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए पालघर स्वास्थ्य विभाग तैयार

हर तालुका में रैपिड रिस्पांस टीमें कर रही काम

पालघर : जिला परिषद पालघर स्वास्थ्य विभाग ने मानसून के दौरान उत्पन्न होने वाली संभावित महामारी को नियंत्रित करने के लिए मानसून पूर्व कार्य योजना 2025-26 की घोषणा की है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संतोष चौधरी ने कहा की पालघर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई इस व्यापक तैयारी के कारण प्रशासन मानसून की स्वास्थ्य चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए तैयार है।

साथ ही उन्होंने कहा कि डेंग्यू, मलेरिया, लेप्टोस्पायरोसिस, हिपॅटायटीस, गॅस्ट्रो और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के समय पर निदान और उपचार के लिए एक प्रणाली तैयार रखी गई है। हर तालुका में रैपिड रिस्पांस टीमें काम कर रही हैं और सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों और उप-जिला अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारियों के पद भरे गए हैं। मानसून के मद्देनजर गर्भवती माताओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और पांच साल तक के बच्चों के लिए 24 घंटे रेफरल सेवा उपलब्ध है।

इसके अलावा, गंभीर रोगियों को तुरंत उच्च स्तरीय अस्पतालों में स्थानांतरित करने के लिए एक अलग रेफरल सेवा तैयार रखी गई है। प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 102 नंबर की एंबुलेंस , ग्रामीण अस्पतालों और उप-जिला अस्पतालों के लिए 108 नंबर की एंबुलेंस तैयार रखी गई हैं। इसके लिए सभी केंद्रों से सीधे संपर्क के लिए टेलीफोन नंबर और एक अलग जिला स्तरीय हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया गया है।

इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों में डेंगू, मलेरिया और जलजनित बीमारियों के लिए दवाओं, जांच किट और निवारक उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक किया गया है। बुखार के नमूनों की जांच के लिए आवश्यक किट भी उपलब्ध हैं। ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों के माध्यम से रुके हुए पानी को निकालने, मच्छरों को खत्म करने, टैंकों की सफाई और कुओं और जल स्रोतों को कीटाणुरहित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। महामारी रोगों के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

रेडियो, बैनर, पोस्टर, सोशल मीडिया और मोबाइल के माध्यम से व्यापक जागरूकता पैदा की जाएगी। तालुका और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष कार्यात्मक होंगे और आवश्यकतानुसार चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, नर्स और दवा वितरण कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। डॉ. संतोष चौधरी ने नागरिकों से अपील की, “मानसून के दौरान अगर कोई भी स्वास्थ्य संबंधी लक्षण पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए।

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