Sunday, June 15, 2025
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    अवैध रेत खनन केस में लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी अरुण यादव को CBI का नोटिस

    Court issued arrest warrant against RJD MLA Arun Yadav | राजद विधायक अरुण  यादव के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वाॅरंट - Dainik Bhaskar

    पटना । 20 जनवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अवैध रेत खनन मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी अरुण यादव को समन जारी किया। पूर्व विधायक और लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक दायरे में एक प्रमुख व्यक्ति अरुण यादव, भोजपुर जिले के अगिआंव गांव में अपने पैतृक घर पर उस समय मौजूद नहीं थे जब सीबीआई टीम पहुंची।

    समन उनकी पत्नी राजद विधायक किरण देवी को सौंपा

    अरुण यादव को अतीत में विवादों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि उन पर एक नाबालिग के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था और उन पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया। पिछले चुनाव में टिकट से वंचित होने के बावजूद, यादव बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बने हुए हैं।CBI बिहार में आरा से लेकर पटना जिलों तक फैले अवैध रेत खनन अभियान में अरुण यादव की कथित संलिप्तता की जांच कर रही है। कथित तौर पर एजेंसी के पास यादव को अवैध रेत खनन मामले से जोड़ने के सबूत हैं, और उनका नाम पहले एमएलसी राधा चरण सेठ के खिलाफ सीबीआई की कार्रवाई के दौरान सामने आया था।

    दोनों पहले ईडी द्वारा जारी समन में शामिल नहीं हुए थे

    एक समानांतर घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले के सिलसिले में लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव को ताजा समन जारी किया। ईडी ने लालू यादव को 29 जनवरी को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है, जबकि तेजस्वी को अगले दिन 30 जनवरी को बुलाया गया है। लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव दोनों पहले ईडी द्वारा जारी समन में शामिल नहीं हुए थे। पिछले साल अक्टूबर में, एक ट्रायल कोर्ट ने इसी घोटाले से जुड़े सीबीआई मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और लालू की पत्नी, बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी को जमानत दे दी थी।

    अवैध रेत खनन और जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़ी कानूनी परेशानियां लालू प्रसाद यादव और उनके सहयोगियों के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं, जिससे बिहार में उनकी राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ रहा है।

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