Thursday, June 19, 2025
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    जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव न होने पर नाराज उमर अब्दुल्ला बोले- यह शर्म की बात है, लेकिन…

    Disappointed, not disheartened': Omar Abdullah after SC verdict on Article  370 | Latest News India - Hindustan Times

    नई दिल्‍ली । भारत के चुनाव आयोग के बजाय सुप्रीम कोर्ट को जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बारे में निर्देश जारी करना पड़ रहा है यह काफी शर्म की बात है. यह बोल हैं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद विधानसभा चुनाव न होने की बात पर नाराजगी जताते हुए सरकार पर निशाना साधा।

    साल 2019 में मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के प्रभाव को हटा दिया, जिसके बाद से स्थानीय पार्टियों ने चुनाव को लेकर मौजूदा सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।

    विधानसभा चुनाव करवाने की बात कही

    एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सरकार पर सवाल उठाते हुए विधानसभा चुनाव करवाने की बात कही. दरअसल अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया. 2019 से अब तक कोई चुनाव नहीं कराए गए हैं. चुनाव न कराए जाने की वजह से विपक्षी पार्टियां बौखलाई हैं और लगातार सरकार पर जल्द चुनाव कराने का दबाव बना रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सितंबर के अंत तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने चाहिए।

    आतंकवादी हमले बढ़ने की कही बात

    उमर अब्दुल्ला ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से आतंकवाद मुक्त क्षेत्रों के उन हिस्सों में भी आतंकवादी हमले होने लगे हैं. इसमें खासकर जम्मू, राजौरी की पहाड़ियां और पुंछ क्षेत्र शामिल हैं. उन्होंने आगे कहा कि इन सबके बाद से ही अलगाववादियों को समर्थन जारी है और मुश्किल से एक या दो सप्ताह ऐसे गुजरते हैं जब कोई आतंकवादी हमला नहीं होता है. उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकारों की तुलना में केंद्र सरकार के तहत लक्षित हमलों में ज्यादा कश्मीरी पंडित मारे गए हैं।

    साथ ही उन्होंने कश्मीरी पंडितों की सरकार से गुहार लगाने की बात पर भी चर्चा करते हुए बोला कि जिन कश्मीरी पंडितों को उनकी सरकार ने सरकारी नौकरियों के साथ घाटी में फिर से बसाया था, वे अब गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें जम्मू वापस जाने की अनुमति दी जाए. पिछले 5 या 10 सालों की तुलना में ज्यादातर कश्मीरी पंडित अब कश्मीर छोड़ना चाहते हैं।

    साल 2023 दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा था, जिसके बाद कोर्ट ने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने और विधानसभा चुनाव 30 सितंबर, 2024 तक होने की बात कही थी।

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