Sunday, June 15, 2025
No menu items!
More

    सरकार बढ़ती कीमतें थामने के लिए थोक विक्रेताओं को बेचेगी गेहूं , 12% सस्‍ते मूल्य पर एफसीआई को दी अनुमति

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार गेहूं और आटे की बढ़ रहीं कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए थोक ग्राहकों को गेहूं बेचने की योजना बना रही है। तैयारी चल रही है कि अगले महीने यानी अगस्‍त से आटा मिलर्स और बिस्किट निर्माताओं को गेहूं बेचा जाएगा। सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को अपने भंडार से 23,250 रुपये प्रति टन पर गेहूं बेचने की मंजूरी दी है, जो मौजूदा खुले बाजार की कीमतों से करीब 12 फीसदी कम है। एफसीआई ने अब तक यह तय नहीं किया है कि वह खुले बाजार में कितना गेहूं बेचने की योजना बना रही है। एफसीआई ने पिछले साल जून में निजी कंपनियों को गेहूं बेचना शुरू किया था। मार्च, 2024 तक एक करोड़ टन से थोड़ा अधिक गेहूं बेचा गया है।

    एक डीलर ने कहा, एफसीआई आकर्षक दाम पर गेहूं बेचेगा, इसलिए बड़े पैमाने निजी कंपनियां या थोक ग्राहक खरीदारी में दिलचस्पी दिखाएंगे। लगातार पांच रिकॉर्ड फसल के बाद भीषण गर्मी से 2022 और 2023 में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। इससे गेहूं की कीमत एक साल में 6 फीसदी तक बढ़ गई है।

    सरकार ने बुधवार को कहा, आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों और चालू खरीफ सत्र में बुवाई का रकबा बढ़ने से दिल्ली व इंदौर के थोक बाजारों में उड़द के दाम घटने शुरू हो गए हैं। 6 जुलाई तक दिल्ली और इंदौर में उड़द की थोक कीमत साप्ताहिक आधार पर क्रमशः 1.08 फीसदी और 3.12 फीसदी घटी है। बुधवार को खुदरा बाजार में उड़द दाल की कीमत 135 से 140 रुपये प्रति किलो हो गई है। चालू खरीफ सत्र में 5 जुलाई तक उड़द की बुवाई का रकबा बढ़कर 5.37 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 3.67 लाख हेक्टेयर था। सरकार की उम्मीद है कि अच्छी बारिश की वजह से खरीफ सीजन में उड़द का बंपर उत्पादन होगा।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular