Friday, June 13, 2025
No menu items!
More

    अखिलेश के समाजवाद में दिख रहा परिवारवाद, पीडीए का दावा भी झूठा

    लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 में समाजवादी पार्टी (सपा) ने उम्मीदवारों को घोषित करने में समाजवाद के बजाए एक बार फिर परिवारवाद की राजनीति देखने को मिल रही है। चुनाव में अब तक घोषित उम्मीदवारों में चार सीटों पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल सहित चार पारिवारिक सदस्यों को टिकट देकर यह साबित कर दिया है। चार सीटों पर परिवारजनों को टिकट देकर सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का दावा दावा भी खोखला ही नजर आता है।

    भाजपा उत्तर प्रदेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट कर समाजवादी पार्टी के समाजवाद की पोल खोली है। इस वीडियो में बताया गया कि पीडीए का दावा कर लोकसभा चुनाव में किस तरह से अध्यक्ष अखिलेश यादव सिर्फ परिवारवाद को राजनीति को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने चुनाव में पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से टिकट दिया है। जबकि आजमगढ़ से चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव को मैदान में उतारा है। बदायूं सीट पर पहले चाचा शिवपाल यादव को टिकट दिया, बाद में उनके बेटे आदित्य यादव को चुनाव मैदान में उतार दिया है।

    भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अखिलेश यादव के समाजवाद और पीडीए के दावे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अखिलेश की सपा परिवारवाद पूरी तरह से हावी है। अगर वास्तव में समाजवादी पार्टी अपने नैतिक सिद्धांतों और पीडीए को लेकर कर रही दावों को मानती तो लोकसभा चुनाव में पत्नी, भाई, चाचा और रिश्तेदारों को टिकट न देकर आम कार्यकर्ता को मैदान में उतारती। अभी जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने है उनमें भी परिवार के सदस्यों को टिकट दिया जायेगा, ऐसे में अखिलेश का लोकसभा चुनाव में किया पीडीए और खुद को समाजवादी कहने का हक नहीं है। यह जनता के साथ धोखा है और जनता इसका जवाब उन्हें उप्र की 80 सीटों पर चुनाव हराकर देगी।

    RELATED ARTICLES

    Most Popular